अवध बिहारी सिंह महाविद्यालय
अवध बिहारी सिंह महाविद्यालय श्रीकांतपुर उर्फ नारायणगढ़, करमानपुर - बलिया (उत्तर प्रदेश) का संक्षिप्त इतिहास-गंगा और घाघरा दोआब की साझी संस्कृति तथा उर्वरा मिट्टी समय-समय पर ऐसे सपूतों को जन्म देती रही है, जिनका नाम इस अंचल के ही नहीं बल्कि भारतीय शिक्षा के इतिहास में सुनहरे पन्नों पर स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है। द्वाबा का यह क्षेत्र परम पूजनीय संत शिरोमणि महाराज बाबा के शिष्य श्री सुदिष्ट बाबा अनन्त काल के लिए समाधिस्ट संत श्री खपड़िया बाबा एवं रामबालक बाबा की यह तपोस्थली है। हिन्दी जगत के देदीप्यमान नक्षत्र भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार से पुरस्कृत प्रोफेसर केदारनाथ सिंह जी की चकिया सीमांत ग्राम में जन्मस्थली है। यहां के शिक्षा पुरुष, शिक्षा जगत में बलिया के 'मालवीय' कहे जाने वाले, श्रद्धेय स्वo मैनेजर सिंह जी की कर्मस्थली है जो यही 'करमानपुर' में जन्म लेकर इस अंचल को तपोवन किया । इस मिट्टी की उर्वरता ने समय-समय पर अनेकानेक ऐसी विभूतियों को जन्म दिया है जिन्होंने इस मिट्टी के यश में अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया और सपनों की श्रृंखला में एक-एक कड़ी जोड़कर शिक्षा जगत को ऊचाइयों पर पहुँचाने का काम किया ।
इसी कड़ी को आगे बढ़ाने के लिए स्वर्गीय अवध बिहारी सिंह भले ही अपने समय में उच्च शिक्षा से वंचित रहे हों लेकिन उच्च शिक्षा न प्राप्त कर पाने की कसक उनको लगातार पीड़ा देती रही । इस कसक को उन्होंने हमेशा महशूस किया और अंततः यह कसक एक सुनहरे स्वप्न में परिणित हुई और इसी स्वप्न को साकार करने के लिए इस अंचल में उच्च शिक्ष का यह नन्हा पौधा "अवध बिहारी स्मारक एजुकेशनल ट्रस्ट" के माध्यम से श्रध्देय स्वर्गीय अवध बिहारी सिंह जी के सुपुत्र श्री सुनील सिंह 'मंटन जी ने 'अवध बिहारी सिंह महाविद्यालय श्रीकांतपुर उर्फ नारायणगढ़, करमानपुर, बलिया (उ0 प्र0)' की स्थापना करके पिता के उन सपनों को इस आशा और विश्वास के साथ साकार किया कि यह नन्हा कंदील एक दिन बोधि-वृक्ष के रूप में पुष्पित और पल्लवित होगा ।
महाविद्यालय की भौगोलिक स्थिति सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन से तीन किमी दक्षिण-पश्चिम में एवं दल छपरा रेलवे स्टेशन से 2.5 किमी दक्षिण-पूर्व दिशा में तथा रेवती-बैरिया सड़क मार्ग से दलपतपुर से 2 किमी. उत्तर तथा गंगा पाण्डेय का टोला से 2.75 किमी. उत्तर-पूर्व दिशा में अवस्थित है ।
जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया (उ0 प्र0) 2021-22 से सम्बद्ध महाविद्यालय में स्नातक स्तर पर कला वर्ग के विषयों में- हिन्दी, प्राचीन इतिहास, समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान, भूगोल, शिक्षाशास्त्र, गृहविज्ञान तथा सत्र-2022-23 से स्नातक स्तर पर विज्ञान वर्ग में- भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित, प्राणि विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, सत्र-2023-24 से स्नातक स्तर पर विज्ञान संकाय में बी०सी०ए० (Bachelor of Computer Application) एवं प्रबन्धन संकाय में बी०बी०ए० (Bachelor of Business Administration) की मान्यता प्राप्त हुई है । भावी भविष्य में शिक्षा संकाय एवं विभिन्न संकायों की मान्यता प्रस्तावित है । आगे आने वाले समय में यह महाविद्यालय आस-पास के ग्रामीण छात्र-छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा ग्रहण करने का एक अहम माध्यम होगा । अपनी मानव सैद्धांतिकी को, ज्ञान प्राप्त करने की उस पिपाशा को, संस्कारों का आधार देते हुए अपनी कर्मशीलता, और ज्ञानार्जन, के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है ।
अवध बिहारी सिंह महाविद्यालय
समुदाय की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं और उद्योगों के तकनीकी पहलुओं में सुधार के लिए उत्कृष्ट शिक्षा और अनुसंधान प्रदान करके एक प्रतिष्ठित संस्थान बनना।
अवध बिहारी सिंह महाविद्यालय
अवध बिहारी महाविद्यालय श्रीकांतपुर उर्फ नारायणगढ़, करमानपुर अपने उच्च आदर्शों को लेकर शैक्षिक जगत में अपनी पहचान बनाने के लिए उत्कृष्टता के समस्त मानकों को पूरा करने का आश्वासन देता है। यह महाविद्यालय शैक्षिक अकादमिक क्रियाओं के माध्यम से इस अंचल में एक नया मानक गढ़ने के लिए अग्रसर है। अपनी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रणाली और अनुभवी शिक्षकों के माध्यम से इस अंचल में अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सत्य है कि किसी नई संस्था को लोगों के विश्वास पर खरा उतरने में, एक लंबा समय लगता है और उस विश्वास को बरकरार रखने में उसे दिन-रात परिश्रम करना पड़ता है । लेकिन एक दिन इस परिश्रम का प्रतिफल लोगों के विश्वास, लोगों की आस्था के रूप में प्राप्त होता है। हम इस बात में विश्वास रखते हैं कि समय के साथ संस्था के उच्च मानक को देखकर लोग कहें कि यह महाविद्यालय अपनी वाणी और कर्म में एक समानता रखता है। इस अंचल में प्राकृतिक वातावरण में स्थापित यह महाविद्यालय अपनी दूरदृष्टि और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ज्ञान-विज्ञान, साहित्य, पाठ्य सहगामी क्रियाएं एवं सकारात्मक सोच के साथ निरंतर संस्कार बद्ध होकर ज्ञान के उस परचम को लहराएगा की लोग इस अंचल में इस संस्था को बड़ी ही निष्ठा और सम्मान की दृष्टि से देखें । आने वाले नवागंतुक छात्र /छात्राओं को आश्वस्त करना चाहते हैं कि आगामी भविष्य में यहाँ खेलकूद के उत्तम साधन, पठन-पाठन की उत्तम व्यवस्था, ज्ञान विज्ञान, की स्तरीय पुस्तकों से सुसज्जित लाइब्रेरी और अनुशासन उनके भविष्य को निश्चित रूप से उज्ज्वल बनाएगा । हम उनके विश्वास पर खरे उतरने के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
अवध बिहारी सिंह महाविद्यालय